NALAYAK SANTAN KE HONE SE BEHTAR,BINA SANTAN REHNA...

नालायक संतान के होने से बेहतर, बिना संतान रहना

BY AMIT ANANT

बड़े बुजुर्गों की बात समझने वाली होती है।
बड़े बुजुर्गों की साथ बहुत निराली होती है।
उनके अनुभव का स्वाद बड़ा कड़वा होता है, 
पर उनके कहे वचन बड़े मतवाली होती है।।

   NALAYAK SANTAN KE HONE SE BEHTAR, BINA SANTAN REHNA...आजकल के समय को देखते हुए वो बड़े बुजुर्गों की बातों में सत्यता दिखाई देता है।हमारे बड़े बुजुर्गों सदैव सत्य ही बोलते थे।और जो बाते उन्होंने बोली थी ,आज के समय मे शत प्रतिशत सत्य हो रही है। वे लोग बच्चे की चाल-चलन को देख कर पहले ही बोल देते थे कि ये बालक कैसे होगा और इसका क्या परिणाम परिवार वा समाज पर पड़ेगा।उनका मानना था कि नालायक संतान के होने से कहीं ज्यादा बेहतर,बिना संतान के रहना होता है।क्यो कि, उस एक नालायक संतान से घर-परिवार की मान- मारियदा और सामाजिक बहिष्कार तक हो जाता है।और तरह-तरह की समस्याओं का जन्म होता है।
   NALAYAK SANTAN KE HONE SE BEHTAR, BINA SANTAN REHNA...बड़े बुजुर्ग हमेशा से बहुत दूर तक सोच के चलते थे, और यही कारण होता था कि उनको अनुभव बहुत अधिक होता था , और अपने जीवन मे हर एक अनुभव के माध्यम से बच्चों को देख कर अंदाजा लगा कर मुँह पर सत्य  बोल देते थे, कि ऐसे ये कर सकता है हालांकि कुछ परिवार के लोग बड़े बुजुर्गों की बात को समझ कर अपने बच्चों के ऊपर लगाम लगा लेते थे और कुछ परिवार उन बुजुर्गों की बातों को नही मानते थे और जिसका परिणाम आने वाले समय मे देखने को मिल जाता है।
   NALAYAK SANTAN KE HONE SE BEHTAR, BINA SANTAN REHNA...शहर की बात तो करेंगे नही, परन्तु आज के  समय मे भी हर एक गाँव मे ऐसे कई बड़े बुजुर्गों होते है। जिनके अनुसार पूरा गाँव और समाज चलता है।और ऐसे बड़ो के रहने से उस गाँव की संस्कृति और संस्कार तो जीवित रहती है, और साथ मे ज्ञान भी जीवित रहता है।और ऐसे गांव में मान सम्मान,अदब लिहाज, और प्रेम भाव अधिक रहता है।और उन गावो के बच्चों और युवाओं में संस्कृत,  संस्कार रहता है साथ मे बड़े बुजुर्गों का डर भी रहता है कि अगर हमने कुछ गलत किया बहुत कुछ सुनना पड़ेगा।
   NALAYAK SANTAN KE HONE SE BEHTAR, BINA SANTAN REHNA...कई ऐसी नालायक संतानें होती है, जो बड़े बुजुर्गों की बात नही मानती है और ना ही अपने माता पिता की बाते मानते है।और ऐसे नालायक संतान होने से पूरे के पूरे गाँव के लोग परेशान होते है।और उनकी वजह से पूरे गाँव की मान मारियदा दाव पर लग जाती है।और किसी एक गाँव मे अगर एक भी ऐसे नालायक बच्चा निकल गए तो मानो की उस गाँव की पूरी की पूरी छवि खराब हो जाती है।और ऐसा तभी होता है जब उसके परिवार के लोग बड़े बुजुर्गों की बात को नही मानते है।
   NALAYAK SANTAN KE HONE SE BEHTAR, BINA SANTAN REHNA... आजकल के समय मे बहुत सारे ऐसे नालायक संतान पड़े है जो अपने माता पिता घर परिवार की मान सम्मान की धज्जियां उड़ाते है और अपने घर परिवार एवं समाज के भावनाओं से खिलवाड़ करते है। और ऐसे केवल उन्हीं के घर के नालायक लड़के होते है जिनके घर मे संस्कृति संस्कार ,और अदब लिहाज कुछ नही होता है कितने तो ऐसे भी होते है जो उल्टा सीधा खान पान करके अपने आचारण गंदे करते है और अपने परिवार जनों की इजाज़त की धज्जियां उड़ा देते हैं।
    NALAYAK SANTAN KE HONE SE BEHTAR, BINA SANTAN REHNA...इस लिए हमारी सभी से गुजारिश रहेगी कि बड़े बुजुर्गों की बात को सुनो, समझो और मानो क्यो कि उन से हम सबको सदैव सीखने को मिलता है और साथ मे जो जीवन काल हम आप जीते है उन जीवन काल का बड़े बुजुर्गों को अनुभव रहता है।और हम, आप कितने भी बड़े हो जाये कितने भी पढ़े लिखे हो जाये परन्तु बड़े बुजुर्गों की बराबरी कभी नही कर पाएंगे सदैव उन से नीचे ही रहेंगे क्यो कि उनको पूरे देश दुनिया और समाज का सम्पूर्ण ज्ञान रहता है।

धन्यवाद
@Amit anant
        Delhi

Comments

  1. Waah.... bahutkhub...Sach hai aise santaan ka hona bekaar hai...

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